Your Letters
साँईंजी, समय की इस विपरीत परिस्थिति में आपके श्रीचरणों में यही प्रार्थना है कि आप हमारे हृदय में हमेशा निवास करना। चारों तरफ विनाश ही विनाश नजर आता है।
संकल्पों में बड़ा बल होता है। सद्गुरु शिष्य के लिए शुभ संकल्प करें तो शिष्य का भी यह भाव हो जाता है। गुरुदेव हम बाहर की चीजें तो आपको क्या दें फिर भी कुछ नहीं देंगे तो उऋण कैसे होंगे, गुणजोर हो जाएंगे इस लिए रक्षा कवच और गुरुपूनम के निमित्त मत्था टेकते हैं और शुभ संकल्प करते हैं। आप का स्वास्थ्य बढ़िया हो, आपका आरोग्य धन बढ़ता रहे, आपका ज्ञानधन बढ़ता रहे, आपका परोपकार का धन, यह महाभगिरथ कार्य और भी बढ़ता रहे तथा हम जैसे करोड़ों लोगों का कल्याण होता रहे। गुरुदेव आपका आनन्द और छलकता रहे, आपकी कृपा हम भक्तों पर यूँ ही बरसती रहे। हम जैसे तैसे हैं आपके हैं! आखिरी श्वास तक निभ जाए गुरुजी के साथ और हम इसी जन्म में ही गुरुजी की असीम कृपा को पा लें।
आपकी दासी शिष्य
दर्शन शर्मा तथा अम्बाला के सभी साधक परिवार