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सुप्रीमकोर्ट के वकील एपी सिंह ने श्री आशारामजी बापू की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को पत्र भेजकर किया रिहाई की मांग
https://youtu.be/F6kmk3Uk0a4

आज मैंने देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय को इस आशा के साथ पत्र लिखा है कि वर्तमान में कोरोनाकाल में जिस तरह से देश के अस्पताल, ऐम्ब्युलन्स और शमशान घाटों की स्थिति हो रही है। काल के साक्षात ही तांडव हो रहा है। इस तरह से ऐसे ही शब्द में क्योंकि देश के महामहिम के कार्यकाल चल रहा है। ऐसे में बहुत से नागरिकों की इस बात की सुनाई जाती है। विदीपन कर रही है जब मेरे पास आने वाले खेत में जिसमें मैं कहती हूं कि ऑक्सीजन नहीं है, अस्पताल में भर्ती कराने की सिफारिश कर दो, ऑक्सीजन की सिफारिश कर दो तो जब लक्षण चिकित्सकों और चिकित्सकों से बात होती है तो वो सब कहते हैं हम तो अपने हिसाब से कर रहे हैं लेकिन आप हावी परमात्मा से दुआ करेंगे अब स्थिति कुछ भी हमारे सबके नियंत्रण में नहीं है स्थिति। समझ में आ रही है तो प्रभु परमात्मा की दुआ तो … दुआ का विषय जब आता है तो मैंने गहन मंथन किया कि दुखी क्या है? कहाँ है? कैसे है? तो मुझे लगा कि कहीं ये दुआ बापू आसारामजी के साथ जोधपुर में जेल में, संत गुरमीत राम रहीमजी के साथ सुनारिया जेल में हरियाणा में, कहीं संत रामपालजी महाराज के साथ हिसार सेंट्रल जेल में तो नहीं रुका है क्योंकि ये तो सत्य है कि बापू आसारामजी महाराज से आशीर्वाद लेने जानेवालों में समय-समय पर देश के नामचीन राजनीतिक दृष्टिकोण पक्ष-विपक्ष की जाती रही है और उपरोक्त सभी ने समय-समय पर संतों ने जब भी देश के ऊपर प्राकृतिक आपदाओं का संकट फूटा / टूटा है तो अपने भक्तों को के द्वारा देश की इस स्थिति को संभालने और सुधारने के लिए तन, मन, धन से और आध्यात्मिक रूप सहयोग से किया और जैसा कि करने के लिए उनकी नैतिकता थी वहाँ उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी । एक ओर प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर इस माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से बन रहा है और दूसरी तरफ इन तीनों संतों के नाम में राम भी जुड़ा हुआ है और यह राम इतना नाम होने के बाद भी जेल में है जबकि COVID -19 कोरोनाकाल me पिछले  वर्ष भी और इस बार भी देश की लगभग सभी जेलों से कई-कई हत्याएं जैसे संगीन अपराधों में शामिल होनेवाले हमारे कैदियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की उच्च न्यायालय की कोरोनाकाल की गाइडलाइन के बाद उन्हें उन्हीं जेलों में छोड़ दिया गया जहाँ … संत है।
तो इसमें उपरोक्त में संतो के मामले में समानता के कानूनी सिद्धांत को भी पूरी तरह से नजरअंदाज किया जो कि आपके सर्वोच्च पद पर rehte हुए, देश के महामहिम के पद पर रहते हुए अत्यंत दुखद है इसलिए जैसे की  आपने पिछली बार देखा कि जिस तरह गायत्री मिशन संस्थान परिवार के डॉक्टर पांड्या जी इसी तरह के केस पर था। शिकायतकर्ता की ओर से मैं वकील था लेकिन हमने बीच का रास्ता निकालकर एक संत को जेल से बचाकर उनके लाखों अनुयायियों के लिए दुआ का रास्ता खोला। ये भी सत्य को मानवता, भलाई, भाईचारा और व्यवहार को बढ़ाने तथा  मानव समाज की कुरीतियाँ  दहेज, जातिवाद, संप्रदायिकता  को समाप्त करने के अथक प्रयास किया है। और संत रामपालजी महाराज को लीजिए – दहेज रहित शादियां 17 मिनित में , जाति विहीनता , झूठे कर्मकांडों से हुई जिनका मैं वकील हूँ इसलिए उन सबके अनुयायियों के आने पर, कहने पर देश के महामहिम, राष्ट्रपति जी को लिखा इस काल में सभी संतों को, तीनों संतो को जेल से रिहा किया जाए तत्काल जिससे की दुआएं इकट्ठी हो सके ।

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Urgent Demand: Supreme Court lawyer AP Singh sent a letter to the President and demanded the release of Shri Asharamji Bapu
Today I have written a letter to His Excellency the President with the hope and looking at the present condition of the country’s hospitals, ambulances, and crematories due to COVID. We are experiencing the deathly dance of Fury in these times. In such times and during the ongoing tenure of His Highness, in such situations, many citizens call me and say that there is no oxygen, seek hospital and oxygen recommendations. And, when we speak to doctors, they all say that things are not in their control and pray to the almighty God. When the matter of blessing arose, I thought intensively as to what is a blessing? Where is it? So I wonder if the blessings have ceased with Bapu Asaramji in Jodhpur Jail, Sant Gurmeet Ram Rahimji in Sunaria Jail in Haryana, or somewhere with Sant Rampalji Maharaj in Hisar Central Jail? Since it is a fact that the famous politicians of the country that have been pro-opposition from time to time sought blessings from Bapu Asaram Ji Maharaj. Also, all the above saints have sent their devotees from time to time to handle and improve the situation of the country, during a crisis or natural calamities. They did it with their body, mind, wealth, and spirituality. They left no stone unturned to fulfill their moral obligations. On one hand, the grand temple of Prabhu Shri Ram is being built by the order of the honorable Supreme Court and on the other hand, Ram is also attached with names of these three saints and these Ram are still in jail despite being so famous. Whereas due to COVID-19 this year and the past year, inmates from almost all the prisons of the country, who have been involved in serious crimes such as many murders were released. After the COVID-19 guidelines were laid down by Hon’ble Supreme Court/the High Court, these inmates were released from the very same prisons where these saints are imprisoned.
So, it completely ignored the legal principle of equality in the case of the saints in the above. It is very disheartening to happen in the able tenure of Your Highness, His Excellency. Likewise, we witnessed a similar lawsuit against Gayatri Mission Family’s Dr. Pandya Ji. I was a lawyer on behalf of the complainant at the time, but we took out the middle way and saved a saint from imprisonment and opened the pathway to prayers of millions of his followers. They have also worked tirelessly to enhance behaviors of truth, humanity, goodness, brotherhood and have tried to end the evils of human society like dowry, racism, communism. For instance, Sant Rampalji Maharaj worked for dowry-free weddings in 17 minutes – casteless and marriages that happened due to false rituals, which I am a lawyer (an advocate) for. So, on the arrival and plea of all his followers, I wrote to His Excellency the President that during this period, all the saints who were jailed, all the three saints should be released forthwith so that prayers can be gathered.

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