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Satyagrah Against Pollution
सुरत/ 24 नवम्बर 19/ देश की राजधानी के साथ महानगरों में बढ़ता प्रदूषण रोकने तथा न्यायिक प्रक्रिया में सकारात्मक परिवर्तन के लिए न्यायपालिका और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से पूज्य श्री नारायण साईं जी के आव्हान पर उनके साथ शनिवार को देशभर में अनशन सत्याग्रह किया गया.
ओजस्वी क्लब के अभियान का हर उम्र वर्ग समूह के हजारों नागरिकों ने अनशन रख समर्थन किया. देश की ज्वलंत समस्याओं को लेकर किये गए सत्याग्रह में जागरूकता रैली, मौन अनशन, शांतिप्रिय प्रदर्शन के साथ मार्च भी निकाले गये. स्कूली बच्चों ने पोस्टर और बैनर ने माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति दी. समाज में जागरूकता के साथ सरकार से निर्णायक कार्यवाही के लिए अनशन सत्याग्रह के रूप में की गई यह अपील एक बड़ा जन आन्दोलन बन गई.
साँईं जी भी रहे निराहार –
अनशन सत्याग्रह के प्रेरणा प्रदाता पूज्य श्री नारायण साईं ने सुरत के लाजपौर जेल में शुक्रवार को अनशन सत्याग्रह किया गया. उनके वकील के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार साईं जी दिनभर निराहार रहे और देश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार से अपील की. इसी के साथ उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में सकारात्मक परिवर्तन के लिए न्यायपालिका और सरकार का ध्यान आकर्षित करने का आव्हान भी किया. उनके इस आव्हान में बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी ने सक्रीय सहभागिता की.
मास्क लगाकर किया प्रदर्शन –
इसी के साथ देशभर से अनशन सत्याग्रह के बारे में मिली रिपोर्ट के मुताबिक, इस आन्दोलन के प्रति सर्वाधिक उत्साह दिल्ली, गाजियाबाद में देखने को मिला. जंहा निरंतर बढ़ता प्रदूषण रोकना कठिन हो रहा है. यंहा के नागरिकों ने जहरीली हवाओं के सांसों में घुलने के विरोध में मुंह पर मास्क लगाकर अपनी सेहत की सुरक्षा की आवाज बुलंद की. इसके अतिरिक्त हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों और महानगरों में भी अनशन सत्याग्रह को भारी जनसमर्थन मिला. आम लोगों के साथ कामगार यूनियन के भी प्रदूषण के विरुद्ध अपना आक्रोश दर्ज करवाया.
सोशल मीडिया पर भी छाया रहा –
इतना ही नहीं सडकों पर प्रदर्शन के साथ जागरूक नागरिक और संगठन सोशल मीडिया पर भी लगातार सक्रिय रहे. सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म पर नागरिकों ने सरकार से प्रदूषण के जहर को रोकने और न्यायिक प्रक्रिया की पेचीदगियो और कछुआ गति में तेजी लाने के साथ सकारात्मक परिवर्तन के लिए न्यायपालिका और सरकार से अपील की. नागरिकों और एडवोकेट ने कहा कि देश की जेलों में आज हजारों लाखों की संख्या में बंदी है. जिन्हें त्वरित न्याय का सालों से इंतजार है. इस बारे में सरकार की बेरुखी चिंताजनक है. कई निर्दोष नागरिक जेल में न्याय का सालों से इंतजार कर रहे है लेकिन धीमी गति की न्यायिक प्रक्रिया के कारण उनका जीवन और घर परिवार तबाह हो चुके है. सरकार को इस मामले में सवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ व्यापक स्तर पर ठोस सुधार की पहल करना होगी. क़ानूनी पेचीदगियों के कारण देरी से मिलने वाला न्याय भी अन्याय से कम नहीं है. न्यायिक प्रक्रिया में सुधार की दिशा में पूज्य साई जी के सुझाव बड़े ही कारगर सिद्ध हो सकते है.

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