Your Letters
पूज्य श्री नारायण साँईंजी को मेरा प्रणाम। राखी के शुभ अवसर पर आपसे (मेरे प्यारे भैया) को राखी भेज रही हूँ। इसे सप्रेम अपनी कलाई पर बाँध लीजिएगा। अब अपनी जेल लीला समाप्त करके अति शीघ्र हम सबके बीच उपस्थित हों। अपने दर्शनों और सत्संग का लाभ हमें दीजिए। वैसे तो आप हमारे दिल में समाए हो। पूज्य बापूजी और समस्त गुरूपरिवार के बिना हमारा जीवन नीरस हो गया है। अधिक क्या कहूँ आप तो सब जानते ही हैं….
नेहा, गौरव और बापूदिया कि ओर से (अम्बाला कैंट, हरियाणा)